वात्स्यायन जी (अज्ञेय) और दिल्ली

(शंकर शरण) कवि अज्ञेय ने अपने अंतिम वर्ष में एक लंबी कविता लिखी थी ‘घर’, जिस में यह पंक्तियाँ भी थीं: ‘‘घर/ मेरा कोई … Continue reading वात्स्यायन जी (अज्ञेय) और दिल्ली